Anil Chamadia

Editor of Mass Media and Jan Media and Chairman of Media Studies Group, a media think tank, Anil Chamadia is three decade veteran in journalism and worked in news channels and reputed media houses. A well known columnist and media educationist Mr Chamadia has been a visiting faculty in Indian Institute of Mass Communications and University of Delhi. Mr Chamadia a well known name in Delhi’s intellectual circle was also professor of mass communications at Mahatma Gandhi Anterrashtriya Hindi Vishvavidyalaya.

Posts By Anil Chamadia

  • 3.2K
    Magazine

    A Survey of a ‘Dark’ Reality: Caste in Media in 2006

    KEY FINDINGS India’s ‘national’ media lacks social diversity, it does not reflect the country’s social profile Hindu upper caste men dominate the media. They are about 8 % of India’s population but among the key decision makers of the national...

  • 2.0K
    Letter

    भारत में बीबीसी और जाति : बी बी सी के नाम एक चिट्ठी

    प्रिय बीबीसी, 19-07-2019 मैं भारत में पैंतीस वर्षों से ज्यादा समय से पत्रकारिता और पत्रकारिता के अकादमिक क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहा हूं। मेरे पत्रकारिता के अनुभवों में आए शब्दों में सबसे पहले नंबर पर एक शब्द आता है वह...

  • 4.6K
    Letter

    BBC in India and Caste

    Dear BBC, 19-07-2019 I have been active in journalism and its academic field in India for more than 35 years. I have learnt variety of words from my long journalistic experiences. But the word that hovers my mind the most...

  • Har Roj

    पत्रकारिता के लिए कुछ नोट्स

    पत्रकारिता के लिए कुछ नोट्स 1. योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोहालनॉबीस की अगुवाई वाली कमेटी ने मीडिया संस्थानों के बारे में शोध कर यह स्पष्ट किया है कि लोकतंत्र की संस्थाओं पर सामाजिक और आर्थिक स्तर पर वर्चस्व रखने वालो...

  • Har Roj

    मीडिया की खोज करते संवाददाता

    मीडिया के संदर्भ में परिस्थितियां बिल्कुल उलट गई है। 1980 के दशक में मीडिया संस्थान को खोजी पत्रकारों की जरुरत थी और अब संवाददाताओं को महज ऐसा मीडिया संस्थान चाहिए जो कि लोकतंत्र की संवैधानिक संस्थाओं की सामने दर्ज तथ्यों...

  • Har Roj

    एनबीए हिन्दी में काम क्यों नहीं करता

    न्यूज ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन (एनबीए) ने न्यूज चैनलों के दर्शकों की शिकायत सुनने के लिए एक संस्था एनबीएसए बनाई है। यहां जिन दर्शकों की शिकायत पर टेलीविजन चैनलों की कार्रवाई से संतुष्टी नहीं होती है वैसे दर्शक एनबीएसए में अपील दायर...

  • Har Roj

    जी न्यूज ने गौहर रजा से माफी क्यों नहीं मांगी

    न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड ऑथोरिटी (एनबीएसए) के चेयरपर्सन न्यायाधीश आर. वी. रवीन्द्रन ने 31 अगस्त 2017 को जी न्यूज को 8 सितम्बर 2017 को रात नौ बजे अपना निम्नलिखित आदेश प्रसारित करने का आदेश दिया था। “ नई दिल्ली में आयोजित...

  • Har Roj

    मेरी गौरी लंकेश मार दी गई

    गौरी लंकेश पत्रकार ही थीं, लेकिन इसे दबाना ठीक नहीं कि वह एक्टिविस्ट भी थीं। माने असल पत्रकार। वास्तव में, पत्रकारिता की यही विरासत है, जिसमें पत्रकारिता के भीतर एक्टिविज्म सांस की तरह चलता रहता है। पत्रकारिता के ‘क्रीमिलेयरों’ ने...

  • Har Roj

    मीडिया सबका नहीं होता

    हिन्दुस्तान टाइम्स की शुरुआत शाम को निकलने वाला टैब़ॉलाइट पत्र के रूप में 24 सितंबर 1924 को महात्मा गांधी ने की थी। इसकी तीस प्रतियां बिकती थी और चार सौ प्रतियां मुफ्त में बांटी जाती थी। अकालियों ने गुरुद्वारा आंदोलन...

  • Har Roj

    मीडिया कुछ लोगों का होता है और कुछ से ज्यादा बड़े समूह के लिए होता है।

    1878 में अंग्रेजी के लोकप्रिय समाचार पत्र द हिन्दू का प्रकाशन एक रूपया बारह आने का कर्ज लेकर शुरू किया गया था। साप्ताहिक के रूप में द हिन्दू आठ पेज में निकलता था और चार आने ( 25 पैसे) में...

More Posts

Surveys and studies conducted by Media Studies Group are widely published and broadcast by national media.

Facebook

Copyright © 2023 The Media Studies Group, India.

To Top
WordPress Video Lightbox Plugin